लेखनी कहानी -21-Apr-2022 लता मंगेशकर भारत की गरिमा
रचीयता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-लता मंगेशकर भारत की गरिमा
लता मंगेशकर की महिमा
सुर ताल का है आइना
भारत की है गरिमा
सरगम में होता, बहती नदियों का करवल।
गानों में होती ऐसी मिठास,
जैसे सांझ ढले चहकाते पक्षी।
भारत की कहलाती सुर
था सरगम का ऐसा तालमेल
जैसे ढलते चांद सूरज ।
कोयल जैसी आवाज थी उनकी,
नाम कहलाता स्वर कोकिला।
करता है भारत तुमको नमन
जनता करती फुल तुमको अर्पण
सम्मानित किया गया तुमको भारत रतन
तुम वह गायिका हो,
सुनते ही गाने की धुन
खिल उठते हैं मुरझे फूल।
तुम मर के भी नहीं मर सकती हो,
तुम तो जनता के दिल में जीती हो।
मृत्यु होने पर भी
तुम अमर कहलाओगी
हम तुम्हें सह दिल से
करते हैं श्रद्धांजलि अर्पण
यही हमारी जनता का होगा समर्पण।
"भारत की ताज कोहिनूर हीरा हो तुम
भारत के आंगन की चमकता सितारा हो तुम
भारत की हस्ती हो तुम
जनता के दिल में बस्ती हो तुम
यादें कभी नहीं मिटेगी हमारे दिल से
भले आप मिल गई हो मिट्टी में
पर तुम्हारी आत्मा हम मे बस्ती है
कभी नहीं कहेंगे तुम्हें अलविदा
आप वापस आओगी, करेंगे हम इंतजार"
(जय हिंद, जय भारत)
नॉनस्टॉप प्रतियोगिता 2022(दूसरी रचना)
Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Feb-2023 08:58 PM
बहुत ही सुंदर सृजन
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सीताराम साहू 'निर्मल'
04-Feb-2023 11:06 PM
बेहतरीन
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Radhika
04-Feb-2023 08:00 PM
Nice
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